अपनी प्रमुख सेवाएँ

परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री ईश्वरदत्तजी ब्रह्मचारी के आशीर्वाद और प्रेरणा से, सद्गुरु ईश्वरदत्तजी स्मृति जन कल्याण समिति समाज के उत्थान और जनकल्याण के लिए विभिन्न सेवा कार्यों में निरंतर संलग्न है। अपनी मुख्य सेवाएँ इस प्रकार हैं:

नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए अन्न क्षेत्र

माँ नर्मदा की परिक्रमा करना एक अत्यंत पुण्य कार्य माना जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष भाग लेते हैं। यह यात्रा लंबी और कठिन होती है, और परिक्रमा वासियों को मार्ग में भोजन और आश्रय की आवश्यकता होती है।

हमारी समिति धर्मराय स्थित आश्रम में नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए एक समर्पित अन्न क्षेत्र का संचालन करती है। यहाँ हम परिक्रमा करने वाले सभी श्रद्धालुओं को शुद्ध, सात्विक और पौष्टिक भोजन निःशुल्क उपलब्ध कराते हैं। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी परिक्रमा वासी भूखा न रहे और वे अपनी आध्यात्मिक यात्रा को बिना किसी चिंता के सफलतापूर्वक पूर्ण कर सकें। यह सेवा गुरुदेव के "भूखे को भोजन" के सिद्धांत को चरितार्थ करती है।

आध्यात्मिक जागरण एवं उत्सवों का आयोजन

गुरुदेव श्री ईश्वरदत्तजी ब्रह्मचारी ने जीवन भर आध्यात्मिक मूल्यों और सनातन धर्म के सिद्धांतों का प्रचार किया। उनकी शिक्षाओं का प्रसार आज भी हमारी समिति का एक प्रमुख उद्देश्य है। हम आश्रम में नियमित रूप से विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रमों और उत्सवों का आयोजन करते हैं:

  • गुरु पूर्णिमा: यह पर्व गुरु और शिष्य के पवित्र रिश्ते को समर्पित है, जहाँ हम गुरुदेव के प्रति अपनी श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

  • गुरुदेव का जन्मोत्सव: इस शुभ दिन पर हम गुरुदेव के जीवन और शिक्षाओं का स्मरण करते हुए विशेष पूजा-अर्चना और सत्संग का आयोजन करते हैं।

  • अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव: वर्ष भर अन्य प्रमुख हिन्दू त्योहारों और उत्सवों को भी आश्रम में बड़ी धूमधाम और भक्तिभाव से मनाया जाता है। इन आयोजनों में स्थानीय समुदाय और दूर-दराज से आए भक्तगण उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं, जिससे क्षेत्र में एक सकारात्मक आध्यात्मिक वातावरण बना रहता है।

गुरुदेव के सत्संग का यह प्रभाव है कि विशेषकर आदिवासी क्षेत्र होने पर भी, यहाँ के लोग मांसाहार छोड़कर शाकाहारी बने हैं और भक्तिमय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यह उनकी शिक्षाओं की शक्ति और प्रभाव का सीधा प्रमाण है।

नवीन आश्रम "नारायण कुटी" का निर्माण

पूज्य गुरुदेव का मूल आश्रम, जो माँ नर्मदा के किनारे स्थित था, दुर्भाग्यवश डूब क्षेत्र में आ जाने के कारण अब जलमग्न हो चुका है। गुरुदेव के आध्यात्मिक विरासत और उनके भक्तों की श्रद्धा को अक्षुण्ण रखने के लिए, हम ग्राम धर्मराय, तहसील व जिला धार, मध्यप्रदेश (पिनकोड 454331) में एक नए और भव्य आश्रम "नारायण कुटी" का निर्माण कर रहे हैं।

यह नया आश्रम लगभग बनकर तैयार है और यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभरेगा। यहाँ भक्तगण गुरुदेव की शिक्षाओं का अनुसरण कर सकेंगे, आध्यात्मिक साधना कर सकेंगे और शांति प्राप्त कर सकेंगे। आश्रम परिसर में ध्यान कक्ष, सत्संग हॉल, और ठहरने की व्यवस्था सहित सभी आवश्यक सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं, ताकि यह सभी के लिए एक प्रेरणादायी स्थान बन सके। यह आश्रम गुरुदेव के दिव्य संकल्प का साकार रूप है।